सोमवार, 15 अगस्त 2011

भारत की नई तस्वीर


अपने हाथों से लिखेंगे हम अपनी तकदीर

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर


गूंजे वेद ऋचाएं और पुराणों की वाणी

दिखलाती सन्मार्ग दादी नानी की कहानी

जन्मेंगे फिर यहाँ दधीचि कर्ण दानवीर

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर


माता-पिता भक्त यहाँ राम श्रवण सम होंगे

संकल्पपूर्ण धीर भागीरथ भगत भी होंगे

मीरा सी भक्ति होगी होवेंगे भक्त कबीर

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर


गांधी सा धैर्य और विवेकानंद का विवेक

फैलेगा हर घर में महावीर बुद्ध आलोक

सदा रहें तैयार देश हित बन जाएँ फ़कीर

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर


लक्ष्मीबाई वीरांगना सी होंगी बालिकाएं

ममतामयी पन्नाधाय सी घर घर साधिकाएं

कल्पना चावला सा होगा एक लक्ष्य गंभीर

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर


न भुलाएं अपनी थाती को लिखें संस्कृति गीत

केवल इतिहास नहीं हम विज्ञान के भी मीत

प्रेम अहिंसा आधारित होंगी नई तकनीक

बनायेंगे नये भारत की एक नई तस्वीर

9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बहुत खूब .......उम्मीद करते है कि आने वाला समय ऐसा ही हो जैसे आपने सोचा और लिखा है ....आभार

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  2. bas itna hi kahuinga ki aap bahut accha likhte hain aur likhte rahiye....
    bahut aacha laga aapke blog par aakar

    sach bharat ki yahi tasveer hai aur aapne apne shabdon se bhi bahut acche se sajaya hai is tasveer ko

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  3. सुन्दर सन्देश प्रेषित करती रचना .शुभकामनायें
    blog paheli

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  4. संस्कृति की सुन्दर आकांक्षाये और सन्देश देती कविता

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  5. आपकी कविता पढ़ कर सच में लगने लगा है की हम एक नए भारत की तस्वीर बनाएंगे|
    जय हिंद!

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  6. नमस्कार....
    बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
    मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
    आपका ब्लागर मित्र
    नीलकमल वैष्णव "अनिश"

    इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्

    1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

    2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव

    3- http://neelkamal5545.blogspot.com

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  7. सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...

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  8. जो समाज निरंतर अपना विस्तार करता है साथ ही अत्तित से सीख लेकर अपने को नवीन करता है वोह हमेशा ही आगे बढता है...अच्छी कविता

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