छपाछप छैया ताल
तलैया
नाचूँ मैं और
मेरा भैया
बनी तो यह कागज
की लेकिन
मुझको प्यारी
मेरी नैया
बिन पानी तो
चलती कैसे
डूब डूब उतराती
कैसे
बिन मोटर और
बिन पतवार
ठुमक ठुमक
इतराती ऐसे
दूर देश की सैर
करे हम
बाधाओं से नहीं
डरें हम
ठानी मन में
नया करें कुछ
बन कोलम्बस बढे
कदम