नन्नू आओ माही आओ,
खेलेंगे हम होली
मीठी गुझिया में मम्मी ने,
मेवा-मिश्री घोली
गली गली हुडदंग मचाते,
घूमें नन्हे तारे
अगर ढोल पर ताल बजी तो,
थिरकेंगे मिल सारे
भर पिचकारी तुम ले आओ,
मैं रंगों की थाली
सुर में चाहे चाहे बेसुर,
गायें मिल क़व्वाली
गुब्बारों से दूर रहें हम,
हो बरबाद न पानी
तभी सयाने कहलायें जो,
बात बड़ों की मानी
ता रा रा रा करती घूमे,
इक मस्तानी टोली
मम्मी बोली बस भी कर दो,
होली तो अब हो ली
सार छंद
चित्र गूगल से साभार