सुबह सुबह जब सूरज जागे
तारे ना खिड़की से झाँके
कहाँ छुपे सब डर के मारे
क्या बच्चे बन जाते सारे
धरा धुरी पर घूमे ऐसे
एक कील पर टिकी हो जैसे
सूर्य के जो आगे आये
उस हिस्से पर दिन हो जाए
रहते तो हैं नभ में तारे
तेज प्रकाश में छुपते सारे
अन्धकार में वो दिखते हैं
और उजाले में छिपते हैं
रंग सभी के न्यारे न्यारे
छुपम-छुपाई खेलें तारे
sundar baal geet
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया..
जवाब देंहटाएंbahut accha geet
जवाब देंहटाएंsamrat bundelkhand
vandana ji
जवाब देंहटाएंprakriti ki khobsurati ke saath rachi gyanvardhak rachna ke liye bahut bahut badhai
bahut hi achhi prastuti
dhanyvaad
poonam
सुन्दर ज्ञानवर्धक गेय बाल गीत .
जवाब देंहटाएंछोटी अच्छा बच्चा है ,
जवाब देंहटाएंमन का बिलकुल सच्चा है ,
अपनी धुन का पक्का है ,
अक्ल का लेकिन कच्चा है ,
मीठा मीठा बच्चा है ।
सबसे अच्छा बच्चा है .
बालपन से भरी हुई कविता ... आभार
जवाब देंहटाएंतेज प्रकाश में छुपते सारे
जवाब देंहटाएंअन्धकार में वो दिखते हैं
और उजाले में छिपते हैं
रंग सभी के न्यारे न्यारे
छुपम-छुपाई खेलें तारे
aao khelen chhupam chhupaai....
shekhaawati rachnakar ka swagat hai....
madhur rachna....
रंग सभी के न्यारे न्यारे
जवाब देंहटाएंछुपम-छुपाई खेलें तारे
चलो खेल लेते हैं छुई मुई ...!
waha bahut khub...........man 1 bar phir baccha ban gaya............aabhar
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