ले हाथों में धुनकी घोंटा
और संग था डोरी लोटा
वह था धुनिया अपनी धुन में
धुनक धुनक करता था वन में
डर को अपने दूर भगाता
मन ही मन खुद को समझाता
खेल नहीं कोई दंगल है
मेरे भाई यह जंगल है
दूर बहुत नहीं अगला गांव
चल बढ़ चलाचल मेरे पांव
सांझ हुई तू पार करा दे
अब के भगवन मुझे बचा ले
तभी सामने गीदड़ आया
रंग में था जो अभी नहाया
उसने जब धुनिया को देखा
था सामने जनम का लेखा
यह तो मुझको ना छोडेगा
गर भागूं पीछे दौडेगा
हालत धुनिया की भी ऐसी
बिल्ली देख कबूतर जैसी
एक एक पल ऐसे बीता
गीदड़ उसको दीखा चीता
गले दोनों के अटके प्राण
आया गीदड़ को फिर ध्यान
समय काम आई चतुराई
चापलूस ने जान बचाई
हर एक वचन को मन में तोला
मीठे सुर में गीदड़ बोला
लेकर हाथ धनुष और बाण
कहाँ की सैर करे सुलतान
देव भाग्य ने पलटा खाया
धुनिया मन ही मन मुस्काया
बोली मीठी पड़ी जब कान
आई रे अब जान में जान
सुन जंगल में मंगल सुराज
चले आये हम भी वनराज
इक दूजे को देकर आदर
भागे सरपट जान बचाकर
टिप्पणी
१ . लोककथा पर आधारित
२ .रुई धुनने का उपकरण धनुष जैसा होता था
कितनी सहजता से बाँध दिया है आपने पूरी कहानी को कविता में....बहुत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंसादर
शिक्षाप्रद एवं प्रेरक बालकविता .............
जवाब देंहटाएंमीठे बोल और सम्मान देना जीवन को सफल और कंटक रहित बनाते हैं
waah... bahut hi sundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंइस कविता में छुपी व्यंग्य की कटारी लाज़वाब है।
जवाब देंहटाएं4 जून को यही काम दोनो को करना था न!
WAH!!!!!!!MAZA AA GAYA
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी बाल कविता। प्रवाह तो लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंKhoobsoorat abhidyakti. Badhai.
जवाब देंहटाएंप्रेरक बाल कविता.
जवाब देंहटाएंपूरी कहानी को सहज रचना का रूप दे दिया .. अच्छी व्यंग की धार नज़र आती है ...
जवाब देंहटाएंvery nice
जवाब देंहटाएंyaha bhi kabhi padhre yaha kabhi thoda sa samay nikal kar aaye aur hamara maan badhaye
प्रेरक बालकविता अच्छी लगी , बधाई
जवाब देंहटाएंvery nice blog mere blog me bhi aaye yaha bhi aaye
जवाब देंहटाएंbahut acchi kavita
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.. क्या बात है
जवाब देंहटाएंवाह. बहुत प्यारी कविता.. पूरा ब्लॉग ही खूबसूरत है. मेरे बच्चों को बहुत पसंद आया. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंवन्दना जी, आपका यह ब्लॉग बहुत सुन्दर और सार्थक है। बहुत प्रवाहमयी सुन्दर कविताएं हैं। ऐसी शिक्षाप्रद और प्रेरक कविताओं की तो आज बेहद ज़रूरत है। बधाई !
जवाब देंहटाएंwah jee wah...........payari si rachna...
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