
यह नन्हा सा बया का बच्चा
शायद थोडा अकल का कच्चा
मम्मी ने तो मना किया था
पर इसने कब ध्यान दिया था
घर से मैं बाहर खेलूंगा
ऊँची खूब उड़ान भरूँगा
मम्मी से बिन पूछे निकला
खेला उस दिन मन भर खेला
छुपी वहाँ थी मौसी बिल्ली
मानों उड़ा रही थी खिल्ली
घबराया अब देख नजारा
करके माँ को याद पुकारा
जान मेरी निकल ही जाती
पास अगर माँ ना आ जाती
कहता अब तो पकड़े कान
दूंगा माँ की सीख पर ध्यान