माँ तुम अब के सावन की रुत
आँगन में इक पेड़ लगा दो
नहीं चाहता खेल खिलौने
बस छोटा सा पेड़ लगा दो
शोर मचाते मोटर बन्दर
अब नहीं जीतते मेरा मन
मशीनगन का नहीं फायदा
टैंकों ने कब जीते दुश्मन
बैठे जिस पर चिड़िया चुनमुन
ऐसा सुन्दर पेड़ लगा दो
हरा रंग सबको हर्षाये
खिले फूल राही ललचाये
खुशबू अपने आँगन फैले
ठंडी छाया सब सुख पायें
कभी न झगड़ा करने वाला
इक प्यारा सा दोस्त बना दो