ना सांस लेते
दिखाई दें
ना बात करते
सुनाई दें
ना चलते न दौड़
ही पाते
मगर सजीव ये
कहलाते
ज्ञान गंगा डुबकी
लगाओ
भैया मेरे मुझे
बताओ
मम्मी मुझको देती
खाना
चिड़िया भी है
खाती दाना
पेड़ कहाँ से
भोजन पायें
बिना हाथों कैसे
पकाएं
खाना इन्हें
भेजता कौन
बोलो न भैया
क्यों हो मौन
पत्तियाँ इनका
कारखाना
क्लोरोफिल का
भरा खजाना
धूप हवा पानी
मिल जाए
फिर ये भोजन
स्वयं बनाएँ
कार्बन डाई
ऑक्साइड रेट
दे ऑक्सीजन
अनोखी भेंट
स्टार्च-शर्करा
झट बन जाए
प्रकाश
संश्लेषण कहलाये
(चित्र गूगल से साभार )