शुक्रवार, 30 मई 2014

दीदी जैसा मेडल लाऊं

भींत पार की सुन्दर दुनिया
क्या सचमुच है भूल-भुलैया
कोई तो मुझको ले जाए
बॉटल टिफिन नये दिलवाए

विद्यालय का बस्ता भारी
करनी पड़े खूब तैयारी
अक्सर मुझे डराते भैया
लेकिन मैं जाऊँगा मैया

ईंट सहारे ऊपर चढ़कर
कल ना देखूँगा मैं छुपकर
नित-नित मैं व्यायाम करूँगा
जीवन में शुभ काम करूँगा

दीदी जैसा मेडल लाऊं
साहब पापा सा बन जाऊं
पंखों को फैलाकर अपने
देख रहा मैं सुन्दर सपने 




चित्र गूगल से साभार एवं ओबीओ परिवार को धन्यवाद सहित 

7 टिप्‍पणियां:

  1. वंदना जी एक बालक के दर्द को पिरोये अच्छी रचना सब को समान शिक्षा का अधिकार मिले सौभाग्य मिले
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  2. बच्चों के मन को भाती रचना
    बच्चों के मन को लुभाती रचना।
    रंग-ए-जिंदगानी
    http://savanxxx.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं