बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

घड़ी उपहार


राखी का था जब त्यौहार
घड़ी मिली मुझको उपहार

रंग अनोखा उसका लाल
मुझे उठाती प्रात:काल

कुकड़ू कूँ की देती टेर
कहती उठ जा होगी देर

घड़ी समय का देती ज्ञान
पलपल का रखना तुम ध्यान

समय बताती रहकर मौन
बूझो तो यह लाया कौन

भैया ने दी गुल्लक खोल

कहते बहना है अनमोल 





चित्र गूगल से साभार 

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