शनिवार, 10 जुलाई 2010

जुगनू

देखो तो धरती पर तारे
कितने सारे प्यारे प्यारे
तुम मेरे घर रहने आये
साथ नहीं क्यों चाँद को लाये


आज कहीं तुम रस्ता भूले
पास इतने कि हम भी छूलें
आसमां से उतर के आये
चम चम करते मन को भाए


दौडूँ इनको हाथ में ले लूं
या माँ के आँचल में भर लूं
वापस ना ये जाने पाए
माचिस की इक डिबिया लायें


नाना बोले हंसकर चुन्नू !
क्या पहले नहीं देखे जुगनू !
धरती पर जो दिखते तारे
ये जुगनू कहलाते प्यारे ।

चित्र गूगल से साभार 

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