शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

गुब्बारे वाला

माँ !देखो गुब्बारे वाला
रंगों के फव्वारे वाला
चुनमुन ,ननमुन सभी को भाया
सबके लिए ही खुशियाँ लाया
गुब्बारे में ककड़ी खीरे
कोई तोता मोर बनाया
किसी में हलकी गैस भरे
किसी में केवल हवा भरे
लाया है रंगों की गठरी
फरफर फुर फुर सभी उड़े
वो समझे मेहनत की भाषा
दिन भर घूमे भूखा-प्यासा
तन पर चिथड़े पैर है नंगे
रखता होगा हमसे आशा
एक गुब्बारा मुझे दिलवा दो
एक दिलवा दो छुटकू को
जैसे खुश होंगे दोनों हम
वैसे ही खुश होगा वो !

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